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Saturday, June 9, 2018

अगर पढ़ाई में मन नहीं लग रहा तो यह लेख एक बार जरुर पढ़ें

पढ़ाई का एक खूबसूरत पहलू है। जब इसे आप मजबूरी में करते हैं तो पढाई बोझ बन जाती है। और अगर मन से किया जाए तो दिललगी बन जाती है। ठीक वैसे ही जैसे अगर आपकी शादी जबरन किसी लड़की या लड़के से करा दी जाये तो आपके लिए ये शादी बोझ बन जाती है। और वहीँ अगर आप अपनी इच्छा से शादी करते हैं तो आपकी जिंदगी खूबसूरत बन जाती है।



लेकिन यहाँ सवाल है कि पढ़ाई से मोहब्बत कैसे की जाए? दरअसल, पढ़ाई अगर आप कुछ हासिल करने के लिए कर रहे हैं, तो आपको ये पढ़ाई बोझ लगने लगती है। क्योंकि आप इसलिए नहीं पढ़ रहे होते हैं, कि आपको कुछ सीखना है, बल्कि आप इसलिए पढ़ रहे होते हैं, कि आपको कुछ हासिल करना है।



हासिल करने का भाव आते ही सबसे पहले आपको हार जाने(परीक्षा में फेल) का डर सताता है। ये डर कुछ केस में इतना डरवाना हो जाता है, कि आप आप पढ़ने से ही डरने लगते हैं। आपको लगता है, कि अगर इतनी पढ़ाई के बाद भी आपको अपना लक्ष्य हासिल नहीं हुआ तो क्या घर वाले क्या बोलेंगे?

आपको समझ में तो आ ही गया होगा कि पढ़ाई में मन क्यों नहीं लगता? ये डर आपको पढ़ने नहीं देता। क्योंकि आपने पढ़ाई का सीधा संबंध अपने लक्ष्य से जोड़ दिया। और आप जब पढ़ रहे होते हैं, तो आपके मन में पढ़ाई की गूढ़ बातों से ज्यादा आपके लक्ष्य की चिंता होती है।

आपको थ्री इडियट्स फिल्म तो याद होगी। जिसमें रणछोड़ दास छाछल पढ़ाई इसलिए नहीं करता कि उसे कुछ हासिल करना है। बल्कि वो इसलिए पढ़ाई करता है कि क्योंकि उसे पढ़ने में मजा आता है। बस आप भी इस पढ़ाई के साथ इस मजे को जोड़ दिए। देखिए आपकी जिंदगी भी बदल जाएगी।

अगर आपके मन का वो डर खत्म हो जाएगा तो आपको कोई भी आपके लक्ष्य की ओर बढ़ने से नहीं रोक सकता। तो उठिए। फैसला कीजिये। आप इसलिए नहीं पढ़ेंगे कि आपको कुछ हासिल करना है। आपको पढ़ना इसलिए क्योंकि आपको कुछ सीखना है। जब तक सीखोगे  तब तक आगे बढ़ोगे। जिस दिन सीखना बंद उस दिन खेल खत्म।

नोट: अगर अब पढने का मन हो तो स्टडी नोट्स डाउनलोड करें और शुरु हो जाओ

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