Search Study Material

Friday, May 25, 2018

क्‍या है निपाह वायरस? जानिए इसके बारे में सब कुछ- निपाह वायरस से बचने के 5 आसान तरीके

केरल के कोझिकोड़ जिले में 'निपाह वायरस' (Nipah Virus) ने आतंक मचा दिया है. यह एक तरह का दिमागी बुखार है जिसके लिए चमगादड़ जिम्‍मेदार हैं.

क्‍या है निपाह वायरस?

यह एक तरह का दिमागी बुखार है और ताजा जानकारी के मुताबिक इसकी चपेट में आने से अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने एक कमेटी बनाई है जो बीमारी की तह तक जाने में जुटी है.

Nipah Virus in hindi


1. विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) के मुताबिक निपाह वायरस एक ऐसा वायरस है जो जानवरों से इंसानों में फैल सकता है.
2. यह जानवरों और इंसानों दोनों में गंभीर बीमारियों की वजह बन सकता है.

3. इस वायरस का मुख्‍य स्रोत Fruit Bat यानी कि वैसे चमगादड़ हैं जो फल खाते हैं.
4. ऐसे चमगादड़ों को Flying Fox के नाम से भी जाना जाता है.
5. इस वायरस की सबसे पहले पहचान 1998 में मलेश‍िया के Kampung Sungai के निपाह इलाके में हुई थी.

6. उस वक्‍त वहां दिमागी बुखार का संक्रमण था. यह बीमारी चमगादड़ों से इंसानों और जानवरों तक में फैल गई.
7. इस बीमारी की चपेट में आने वाले ज्‍यादातर लोग सुअर पालन केंद्र में काम करते थे. 

8. यह वायरस ऐसे फलों से इंसानों तक पहुंच सकता है जो चमगादड़ों के संपर्क में आए हों.

9. यह संक्रमित इंसान से स्‍वस्‍थ मनुष्‍य तक बड़ी आसानी से फैल सकता है.
10. इसके बाद 2001 में बांग्‍लादेश में भी इस वायरस के मामले सामने आए. उस वक्‍त वहां के कुछ लोगों ने चमगादड़ों के संपर्क वाले खजूर खा लिए थे और फिर यह वायरस फैल गया.

निपाह वायरस के लक्षण क्‍या हैं?
निपाह वायरस के लक्षण दिमागी बुखार की तरह ही हैं. बीमारी की शुरुआत सांस लेने में दिक्‍कत, भयानक सिर दर्द और फिर बुखार से होती है है. इसके बाद दिमागी बुखार आता है. सेंटर फ़ॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक निपाह वायरस का इंफ़ेक्शन एंसेफ़्लाइटिस से जुड़ा है, जिसमें दिमाग़ को नुक़सान होता है.


निपाह वायरस से कैसे बचें

1. सुनिश्चित करें कि आप जो खाना खा रहे हैं वह किसी चमगादड़ या उसके मल से दूषित नहीं हुआ हो. चमगादड़ के कुतरे हुए फल न खाएं.

2. पाम के पेड़ के पास खुले कंटेनर में बनी टोडी शराब पीने से बचें.

3. बीमारी से पीड़ित किसी भी व्यक्ति से संपर्क न करें. यदि मिलना ही पड़े तो बाद में साबुन से अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें.

4. आमतौर पर शौचालय में इस्तेमाल होने वाली चीजें, जैसे बाल्टी और मग को खास तौर पर साफ रखें.

5. निपाह बुखार से मरने वाले किसी भी व्यक्ति के मृत शरीर को ले जाते समय चेहरे को ढंकना महत्वपूर्ण है. मृत व्यक्ति को गले लगाने से बचें और उसके अंतिम संस्कार से पहले शरीर को स्नान करते समय सावधानी बरतें.

No comments:

Post a Comment